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यौनशोषण के फर्जी एवं फेंकू आरोप
जब हिन्दू संतों को बदनाम करना होगा या समाचार चैनलों को खुद की दर्शक संख्या (टी.आर.पी.) बढ़ानी होगी उस समय तो उनके एंकर चीख-चीखकर टी.वी. का पर्दा फाड़ देंगे लेकिन जब वही संत अदालतों द्वारा बेदाग बरी कर दिये जाते हैं उस समय वही मीडिया अपने मुँह में दही जमाकर बैठ जाती हैं। माफीनामा भी पेश करते हैं तो चुपके-चुपके ।
स्वामी नित्यानंद महाराज की सेक्स सी.डी. फर्जी पाये जाने पर न्यायालय ने मीडिया को जमकर लताड़ लगाई थी, उनसे माफीनामा भी दिलवाया गया । पाण्डिच्चेरी की एक अदालत ने शंकर रमन हत्याकांड मामले में कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती को निर्दोष बरी कर दिया । संत आसारामजी बापू पर तांत्रिक विधि के आरोप लगे, जिसको सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज करते हुए क्लीनचिट दी थी फिर भी मीडिया इस पर चुप्पी साध गई ।
सुधांशुजी महाराज, डॉ. जयंत आठवले, माता अमृतानन्दमयी, चंद्रास्वामी, सच्चिदानंद महाराज सभी ने कहा की बापूजी पर आरोप झूठे एवं बेबुनियाद है ।
कृपालुजी महाराज , सत्य साई बाबा , बाबा राम रहीम, स्वामी केशवानन्द, नारायण साई सब पर जूठे आरोप लगाए गये है ।
संत लक्षमणानन्द जी की निर्मम हत्या कर दी गयी ।
संत निगमानन्द जी को जहर दिया गया ।
संत अमृतानन्द जी को बिजली के जटके दिये गये ।
साध्वी प्रज्ञा को विषेले इंजेक्शन दिये गये ।
संत असीमानंद के मूँह में गौमास डाला गया ।
बाबा जयगुरुदेव पर 21 मास तक जैल में अत्याचार किया गया।
और संत सिरोमणि बापू आशाराम जी को झूठे आरोप में जैल डाला गया और जमानत भी ना हो सके इसलिये रोज नये षड्यंत्र कर रहे है ।
पर साँच को आंच नहीं और झूठ को पैर नहीं, सच सामने आयेगा तब 4 करोड़ साधक से 400 करोड़ साधक हो जायेंगे । पूरा ब्रह्मांड देखेगा संत आशाराम जी बापू का जयकारा !!!